Wednesday 12 April 2017

मेरी जान को बेवफा न कहना

sad man thinking alone shayari


ऐ ज़माने ये गुज़ारिश है तुझसे मेरी जान को बेवफा न कहना,
ऐ ज़माने ये गुज़ारिश है तुझसे मेरी जान को दगाबाज़ न कहना,
कमज़ोर मेरी मोहब्बत थी जो उसको दूर जाने दिया,
ऐ ज़माने ये गुज़ारिश है तुझसे मेरी जान पर कोई इलज़ाम ना लगाना।

मेरी मोहब्बत पर उंगली उठाने से पहले एक बार अपने गिरेबान में देख लेना,
कहीं तेरी ही साज़िश तो नहीं थी ये सोच लेना। 
क्यों  बनाये ऐसे दस्तूर की मोहब्बत को रुस्वा होना पड़ा,
ऐ ज़माने खुद से ये सवाल ज़रूर कर लेना। 

उसने बेइतहां प्यार किया फिर भी जुड़ा हो गयी,
उम्र भर साथ देने का वादा किया था फिर भी बीच सफर में खो गयी,
ऐ ज़माने ये तेरी ही खता है -
जो आज उसकी पाक मोहब्बत भी बदनाम हो गयी।

ऐ ज़माने ये गुज़ारिश है तुझसे मेरी जान को बेवफा ना कहना,
मेरी मोहब्बत पर ऊँगली उठाने से पहले एक बार अपने गिरेबान में देख लेना।

Monday 10 April 2017

मोहब्बत के वो लम्हें, Romantic Ghazal Shayari in Hindi Fonts


romantic hindi ghazal shayari for lovers
इतने खूबसूरत थे वो पल जो हमने साथ बिताए,
कितने हसीन थे मोहब्बत के वो लम्हें जो हमने दुनिया से छुपाए।

वो सिनेमा घर में चुपके से आपका हाथ थामना याद आता है,
वो रेस्टॉरंट में अपने पैरों को सटाना याद आता है,
लोगों की नज़रों से छुपाकर इशारों में प्यार करना याद अत है,
ज़िन्दगी से प्यार के एक एक लम्हे को चुराना याद आता है।

आपके साथ की हुई प्यार की बातें याद आती है,
आपकी खूबसूरत मुस्कराहट की याद सताती है,
आपको बाहों में भरकर जो सुकून मिला था उसकी याद हमें तड़पाती है,
आपके जिस्म पर अपना नाम लिखने की ख़ुशी हमें मारे जाती है।

तुझे भी मेरी याद सताती तो होगी,
तू भी रातों को तकिये को आंसुओ से भिगोती तो होगी,
मेरी बाहों में समा जाने के लिए तू भी तड़पती तो होगी,
हमेशा हमेशा के लिए मुझे अपना बनाना चाहती भी होगी। 

जब इतना ख़ास प्यार है हमारा तो क्यों हैं ये दूरियाँ,
जब इतनी  मोहब्बत है हममें तो क्यों हैं ये तन्हाईयाँ,
जब हमें दूर रहना ही नहीं तो कैसी है ये मज़बूरियाँ,
जब हमारी धड़कनें ही जुड़ गयी हैं तो कैसे अलग हो सकती है ज़िंदगियाँ।